कोरोना काल में कैसे ले बच्चों का घर पर अभ्यास
आज पूरा देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया इस कोविड
19 के कारण परेशान हो चुकी है| जिधर देखो उधर कोरोना के मरीज नजर आ रहे है| हालात दिन-ब-दिन बहुत ही खराब होते जा रहे है| घूमना-फिरना सब बंद हो चुका है| पिछले साल (2020) में भी कई महीनों तक लॉकडाउन रहा| इस साल (2021) अप्रैल से लॉकडाउन शुरू हो गया है| इसका असर तो सभी व्यापार-व्यवसायों पर असामान्य रूप से नजर आ रहा है| काइयों का रोजगार चला गया, काइयों की नौकरी छूट गई| खाने के लाले पड़ गए|
इसमें से भी सबसे ज़्यादा नुकसान झेलना पड़ रहा है स्कूली छात्रों को| कोरोना के कहर से स्कूल भी प्रभावित हो गए| कई महीनों तक स्कूल बंद रहे और आज भी बंद ही है| ऐसे में बच्चों की स्टडी जो कि बच्चों के लिए बेहद जरूरी और महत्वपूर्ण है उसकी तरफ नजरअंदाज हो रहा है| स्कूल बंद होने के कारण बच्चें घर पर है और घर पर वे ठीक से स्टडी नहीं कर पा रहे हैं| कुछ स्कूल ऑनलाइन कक्षाएँ चला रहे है परंतु ऑनलाइन पर बच्चों का ध्यान कितना रहता है यह उन बच्चों को ही पाता| ऐसे में इसका असर इस नई पीढ़ी पर बहुत गहराई से होगा| पढ़ाई का अगला साल शुरू हो रहा है, बच्चें अगली कक्षा में भेजे जाएंगे मगर बच्चों की पिछले साल की स्टडी परफेक्ट हुई क्या? इसके बारे में कौन सोचेगा? स्कूल की तरफ से जितना कर सकते थे उतना किया है और किए जा रहे हैं|
स्कूल बंद रहने के कारण बच्चें अपने घर में अपने माता-पिता के साथ समय बीता रहे है| तो आज बच्चों के माता-पिता की जिम्मेदारी सबसे महत्वपूर्ण है| बच्चों की अधूरी पढ़ाई को पूरा करना आज माता-पिता का कर्तव्य बन गया है| किसी भी हालत में आने वाले तेज रफ्तार समय के साथ मुकाबला करने के लिए अपने बच्चों को काबिल बनाना है| तो ऐसे में बच्चों की स्टडी ली जाए तो आखिर कैसे|
यहाँ पर बच्चों की स्टडी लेने के कुछ तरीके दिए गए है, शायद माता-पिता को इससे सहायता मिलेगी| अपने बच्चों के खातिर माता-पिता को इतनी मेहनत तो लेनी ही पड़ेगी| अन्यथा आपके बच्चों का भविष्य खतरे में है|
Apani bhasha | korona kaal men kaise le bacchon kaa ghar par abhyas | 2021 |
तो चलिए देखते है कि हम हमारे बच्चों की स्टडी कैसे ले|
उम्र के हिसाब से इस बच्चों के दो वर्ग रहेंगे |
पहला वर्ग – 3 से 7 साल |
दूसरा वर्ग – 8 से 16 साल |
यहाँ पर 8
से 16 साल के बच्चों को सिर्फ ‘बच्चें’ बोला गया है तथा 3
से 7 साल के बच्चों को ‘छोटे बच्चें’ बोला गया है|
2) विषय का टाइम-टेबल बनाकर विषय के अनुसार हर दिन कम-से-कम दस पन्ने बच्चों से लिखवाकर लीजिए| छोटे बच्चों को लेखन कार्य में मदद करें|
3) बच्चों को हर दिन कम-से-कम एक-दो प्रेरक (Motivational) वीडियो दिखाइए|
4) पाठ्यक्रम के किसी भी विषय के किसी भी टॉपिक को पढ़कर उसपर बच्चों को बात (भाषण) करने के लिए कहे| छोटे बच्चों को कहानी सुनाकर दोहराने के लिए कहे|
5) बच्चों को चित्र बनाने के लिए कहे| हस्त-लेखन सुधार में चित्रों की अहम भूमिका होती है| छोटे बच्चों को भी चित्र बनाने के लिए कहे|
6) चित्र दिखाकर उस चित्र पर आधारित छोटे बच्चों को सवाल पूछिए|
7) मनोरंजन के रूप में बच्चों के मनपसंद गाने की लिरिक लिखवाकर उनको गाना गाने के लिए कहे|
8) घर के छोटे बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी बड़े बच्चों को दीजिए| इससे बड़े बच्चों की विषय की जानकारी बढ़ेगी|
9) छोटे बच्चों का ज्ञान बढ़ाने के लिए उन्हें अलग-अलग प्रकार की कहानियाँ, अलग-अलग प्रकार की जानकारियाँ सुनाइए|
10) बच्चों को किसी भी विषय पर निबंध लिखने के लिए कहे| उदाहरण – कोरोना समय और स्कूल, मेरी किताब, मेरे घर का आँगन, मेरे जूते, चिड़िया आदि ..
11) छोटे और बड़े बच्चों से नृत्य /
एरोबिक करवाकर लीजिए| इसके लिए यूट्यूब पर वीडियो दिखाइए|
12) बच्चों को क्यूब सुलझाने को कहिए|
13) बच्चों को चेस सिखाइए| इससे किसी भी विषय की प्लानिंग कैसे की जाती है यह सोचने में बच्चों की बुद्धि तेज चलेगी|
14) बच्चों को घर / खेती / व्यवसाय के कामों की जानकारी दीजिए|
15) दोनों उम्र के बच्चों को कहानियाँ सुनाइए और फिर बच्चों को कहानी दोहराने के के लिए कहे|
16) दोनों उम्र के बच्चों की स्मरण-शक्ति बढ़ाने के लिए उन्हें लड़कों के / मित्रों के नाम याद करने के लिए कहे|
v इस पद्धति को कैसे करे –
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शुरुआत में बच्चों को कोई भी पाँच नाम सुनाइए और बच्चों को बिना दिखाए दोहराने के लिए कहे|
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बाद में दो-दो तीन-तीन नाम बढ़ाते चलिए जब तक बच्चों को नाम याद रहते है|
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बच्चें अगर ठीक से उन नामों को याद करते है तो उन्हें 6,7,8,9,10, नाम दे सकते हो या इससे भी ज्यादा, इससे बच्चों की स्मरण-शक्ति बढ़ेगी|
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नामों की जगह मोबाईल नंबर या किसी वस्तुओं के नाम का भी प्रयोग कर सकते हो|
17) दोनों उम्र के बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें इनाम के तौर पर खाने की चीजें दीजिए| खाने की चीजें खिलाने का वादा करके उनसे स्टडी करवाके लीजिए|
18) छोटे बच्चों को छोटी-छोटी चीजों से वस्तुओं के नाम लिखने के लिए कहे| उदाहरण गेहू, छोटे कंकड़, फलों के बीज आदि चीजों से नाम बनाना | इस प्रयोग के लिए आप माग्नेटिक बोर्ड का भी इस्तेमाल कर सकते है|
19) बच्चों को पौष्टिक भोजन खिलाइए|
20) बच्चों के साथ ज्यादा-से-ज्यादा संवाद करें|
Apani bhasha | korona kaal men kaise le bacchon kaa ghar par abhyas | 2021 |
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