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‘कठपुतली’ NCERT Solution for class 7 Hindi Chapter 4

Apani Bhasha

पद्य पाठ - ‘कठपुतली’  

कवि – भवानीप्रसाद मिश्र

कक्षा 7 वसंत भाग-2 पद्य पाठ 4 - ‘कठपुतली’ - यहाँ हम CBSE हिंदी कक्षा 7 वसंत भाग-2 पद्य पाठ 4 - ‘कठपुतली’ इस पद्य पाठ के MCQ प्रश्न, प्रश्न अभ्यास तथा अतिरिक्त प्रश्नों के बारे में जानेंगे .. 

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By Apani Bhasha

MCQ

प्रश्न 1. उचित विकल्प चुनकर निम्नलिखित सवालों के जवाब दीजिए|

1) ‘कठपुतली’ इस कविता के कवि कौन हैं?

क) भवानीप्रसाद मिश्र

ख) शिवमंगल सिंह ‘सुमन’

ग) सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

घ) इसमें से नहीं

 

2) कविता में किसका वर्णन किया गया है?

क) गुड़िया

ख) कठपुतली

ग) बुढ़िया

घ) इसमें से नहीं

 

3) पहली कठपुतली गुस्से से क्या बोली?

क) ए धागे क्यों हैं यहाँ पड़े?

ख) ए धागे क्यों हैं यहाँ लटके?

ग) ए धागे क्यों हैं मेरे आगे-पीछे?  

घ) इसमें से नहीं

 

4) कठपुतली किसे तोड़ने की बात कर रही हैं?

क) हाथ को

ख) धागे को

ग) पैर को

घ) इसमें से नहीं

 

5) कठपुतली धागों को तोड़कर क्या करना चाहती हैं?

क) अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती हैं

ख) खुदखुशी करना चाहती हैं

ग) वहाँ से भाग जाना चाहती हैं

घ) इसमें से नहीं

 

6) पहली कठपुतली की बात सुनकर बाकी कठपुतलियाँ क्या बोली?

क) बहुत दिन हुए हमें अपने मन के छंद छूए

ख) बहुत दिन हुए हमें अपने गाँव गए

ग) बहुत दिन हुए हमें अपने घर गए

घ) इसमें से नहीं

 

7) अंतिम चरण में पहली कठपुतली क्या सोचने लगती है?

क) ए कैसी गलती मैंने की

ख) ए कैसी इच्छा मेरे मन में जागी

ग) ऐसा मैंने क्यों किया 

घ) इसमें से नहीं

 

8) कठपुतली किससे मुक्ति पाना चाहती थी?

क) पराधीनता से 

ख) गुस्से

ग) मंच से 

घ) इसमें से नहीं

 

9) कौन-सी जिम्मेदारी के कारण पहली कठपुतली सोचने लगी?

क) सब की स्वतंत्रता 

ख) स्वयं की सावतंत्रता 

ग) मंच के स्वतंत्रता 

घ) इसमें से नहीं

 

10) कोई भी निर्णय लेने से पहले क्या करना चाहिए?

क) दुनिया के बारे में सोचना चाहिए 

ख) अपने स्वार्थ  के बारे में सोचना चाहिए 

ग) उसके लाभ और हानी के बारे में सोचना चाहिए 

घ) इसमें से नहीं

 

उत्तर – 1) क    2) ख    3) ग    4) ख    5) क  

            6) क    7) ख    8) क    9) क    10) ग


            

अतिरिक्त प्रश्न

प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए |

1) ‘कठपुतलीइस कविता के कवि कौन हैं?

उत्तर – ‘कठपुतलीइस कविता के कवि भवानीप्रसाद मिश्र हैं|

2) कठपुतली गुस्से से क्यों उबली?

उत्तरकठपुतली गुस्से से उबली क्योंकि उसको आगे-पीछे धागों से बाँध दिया था|

3) कठपुतली क्या बिनती कर रही है?

उत्तरकठपुतली आगे-पीछे बँधे धागों को छोड़ने की बिनती कर रही है|

4) कठपुतली धागों को छुड़ाकर क्या करना चाहती है?

उत्तरकठपुतली धागों को छुड़ाकर अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती है|

5) पहली कठपुतली की बात सुनकर बाकी कठपुतलियाँ क्या बोली?

उत्तरपहली कठपुतली की बात सुनकर बाकी कठपुतलियों ने उसकी हाँ में हाँ भर दी और कहा कि हाँ  बहुत दिन हुए हमने अपने मन के छंद पूरे नहीं किए|

6) पहली कठपुतली को किस बात का पछतावा हुआ?

उत्तरपहली कठपुतली को धागों को छुड़ाकर अपने पैरों पर खड़े होने की बात सोचने का पछतावा हुआ|

7) कवि कठपुतली को प्रतीक बनाकर किसकी बात कर रहे हैं?

उत्तरकवि कठपुतली को प्रतीक बनाकर उन छोटे बच्चों की बात कर रहे हैं जो अभी तक अपने माता-पिता पर निर्भर हैं|

8) कठपुतली कविता मेंधागेकिसका प्रतीक है?

उत्तर - कठपुतली कविता मेंधागेमाता-पिता द्वारा छोटे बच्चों की परवरिश तथा डाँट-डपट का प्रतीक हैं|

9) कठपुतली अपने पैरों पर खड़े होने के विचार से क्यों डरती है?

उत्तरक्योंकि कठपुतली छोटे बच्चों का प्रतीक है अतः छोटे बच्चे अपने माता-पिता की परवरिश में ही अच्छे बनेंगे, वे अकेला रहने का प्रयास करेंगे तो उनका जीवन बिगड़ जाएगा|

10) धागों में बँधी कठपुतली कैसी है?

उत्तरधागों में बँधी कठपुतली पराधीन है|

11) कठपुतलियों को कब तक पराधीन रहना पड़ेगा?

उत्तरजब तक की वह अपनी जिम्मेदारियों को उठाने के काबिल नहीं बनती तब तक उन्हें पराधीन रहना पड़ेगा|

 

प्रश्नअभ्यास

कविता से

1) कठपुतली को गुस्सा क्यों आया?

उत्तरकठपुतली को गुस्सा आने का कारण यह था कि कठपुतली अपने पावों पर खड़ी होकर आत्मनिर्भर बनाना चाहती थी परंतु उसे आगे-पीछे से धागों से बाँध दिया था| इस अवस्था में कठपुतली खुद को पराधीन समझती थी| इसलिए कठपुतली को गुस्सा आया|

2) कठपुतली को अपने पावों पर खड़ी होने की इच्छा है, लेकिन वह क्यों नहीं खड़ी होती?

उत्तरकठपुतली अपने पावों पार खड़ी होना चाहती थी परंतु उसकी इच्छा सुनकर बाकी कठपुतलियाँ भी स्वतंत्र होने की इच्छा रखते है| जब उस पर सभी कठपुतलियों की स्वतंत्रता की जिम्मेदारी आती है तब वह इस जिम्मेदारी के डर से सोचने लगती है कि कहीं उसका निर्णय सबको महँगा पड़ जाए| इसलिए वह अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो सकी|

3) पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्यों अच्छी लगी?

उत्तरक्योंकि दूसरी कठपुतलियाँ भी स्वतंत्र होना चाहती थी, अपने पावों पर खड़ी होकर अपने मन के छंद पूरे करना चाहती थी| इसलिए पहली कठपुतली की स्वतंत्र होने की बात दूसरी कठपुतलियों को बहुत अच्छी लगी|

4) पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि-‘ये धागे / क्यों हैं मेरे पीछे-आगे? / इन्हें तोड़ दो; / मुझे मेरे पाँवों पर छोड़ दो।’ -तो फिर वह चिंतित क्यों हुई कि-‘ये कैसी इच्छा / मेरे मन में जगी ?’ नीचे दिए वाक्यों की सहायता से अपने विचार व्यक्त कीजिए

* उसे दूसरी कठपुतलियों की जिम्मेदारी महससू होने लगी।

* उसे शीघ्र स्वतंत्र होने की चिंता होने लगी।

* वह स्वतंत्रता की इच्छा को साकार करने और स्वतंत्रता को हमेशा बनाए रखने के उपाय सोचने लगी।

* वह डर गई, क्योंकि उसकी उम्र कम थी।

उत्तरपहली कठपुतली पराधीनता का जीवन जी-जीकर ऊब चुकी थी, वह स्वतंत्र होकर आत्मनिर्भर बनाना चाहती थी इसलिए उसने अपनी इच्छा बाकी कठपुतलियों के सामने जाहिर कर दी उसे सुनकर बाकी कठपुतलियों ने भी उसकी हाँ में हाँ भर दी और उसके नेतृत्व में विद्रोह के लिए तैयार होने लगी| लेकिन जब उसे अपने ऊपर दूसरी कठपुतलियों की जिम्मेदारी का अहसास हुआ तब पहली कठपुतली इन सब की स्वतंत्रता की जिम्मेदारी के खयाल से डर गई और अपने फैसले पार सोचने लगी|  

कविता से आगे

1) बहुत दिन हुए / हमें अपने मन के छंद छुए।’-इस पंक्ति का अर्थ और क्या हो सकता है? नीचे दिए हुए वाक्यों की सहायता से सोचिए और अर्थ लिखिए-
) बहुत दिन हो गए, मन में कोई उमंग नहीं आई।
) बहुत दिन हो गए, मन के भीतर कविता-सी कोई बात नहीं उठी, जिसमें छंद हो, लय हो।
) बहुत दिन हो गए, गाने-गुनगुनाने का मन नहीं हुआ।
) बहुत दिन हो गए, मन का दुख दूर नहीं हुआ और मन में खुशी आई।

उत्तर - बहुत दिन हुए हमें अपने मन के छंद छुएइसका यह अर्थ है कि कठपुतलियाँ बहुत दिनों से पराधीनता का जीवन जी रही है मतलब सारा काम दूसरों के इशारे पे हो रहा था| अपने मन से वे कुछ नहीं कर सकती थी| इस कारण सभी कठपुतलियाँ परेशान थी| पहली कठपुतली की स्वतंत्र होने की बात सुनकर उनके मन में स्वतंत्र होकर अपने मन के छंद अर्थात मन की सारी इच्छाएँ पूरी करने की लालसा उत्पन्न हुई|

2) नीचे दो स्वतंत्रता आंदोलनों के वर्ष दिए गए हैं। इन दोनों आंदोलनों के दो-दो स्वतंत्रता सेनानियों के नाम लिखिए
(
) सन् 1857      i) _______ ii) ______
(
) सन् 1942      i) _______ ii) ______

उत्तर -
(
) 1857 – i) महारानी लक्ष्मीबाई     ii) मंगल पांडे
(
) 1942 – i) महात्मा गांधी            ii) जवाहर लाल नेहरू

अनुमान और कल्पना

1) स्वतंत्र होने की लड़ाई कठपुतलियाँ कैसे लड़ी होंगी और स्वतंत्र होने के बाद स्वावलंबी होने के लिए क्या-क्या प्रयत्न किए होंगे? यदि उन्हें फिर से धागे में बाँधकर नचाने के प्रयास हुए होंगे तब उन्होंने अपनी रक्षा किस तरह के उपायों से की होगी?
उत्तरस्वतंत्र होना कोई साधारण कार्य नहीं होता| स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करना जरूरी होता है| स्वतंत्र होने की लड़ाई कठपुतलियों ने  आपस में मिल-जुलकर लड़ी होंगी| किसी एक की परेशानी सबकी परेशानी बन जाती है तब विद्रोह होता है, कठपुतलियों ने भी वैसा ही किया| स्वावलंबी होने के लिए काफी संघर्ष उन्हें करना पड़ा होगा| आत्मनिर्भर बनाने के लिए कड़ा परिश्रम उन्होंने किया होगा| फिर से कोई हमें पराधीन बनाए इसके लिए उन्होंने शत्रु के साथ हर दम मुकाबला किया होगा| और अपनी आजादी को बरकरार रखा होगा|

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