गद्य पाठ – ‘मिठाईवाला’ |
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लेखक – भगवतीप्रसाद वाजपेयी
Mithaiwala |
कक्षा 7 वसंत भाग-2 गद्य पाठ 5 - ‘मिठाईवाला’
कक्षा 7 वसंत भाग-2 पद्य पाठ 5 - ‘मिठाईवाला’ - यहाँ हम CBSE हिंदी कक्षा 7 वसंत भाग-2 पद्य पाठ 5 - ‘मिठाईवाला’ इस पद्य पाठ के MCQ प्रश्न, प्रश्न अभ्यास तथा अतिरिक्त प्रश्नों के बारे में जानेंगे ..
प्रश्नों का क्रम इस प्रकार से रहेगा|
1) MCQ प्रश्न - 30
2) अतिरिक्त प्रश्न - 25 (एक वाक्य में उत्तर वाले )
3) पाठ्यपुस्तक के अभ्यास प्रश्न - 8 (कहानी से )
4) कहानी से आगे प्रश्न - 3
5) अनुमान और कल्पना प्रश्न - 3
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By Apani Bhasha
MCQ
प्रश्न 1. उचित विकल्प चुनकर निम्नलिखित सवालों के जवाब दीजिए|
1) ‘मिठाईवाला’ यह पाठ किसने लिखा हैं?
क) भगवतीप्रसाद वाजपेयी
ख) नागार्जुन
ग) शिवप्रसाद सिंह
2) खिलौनेवाला गलियों में घूमते हुए क्या कहता था?
क) मिठाई ले लो, मिठाई ले लो ..
ख) “बच्चों को बहलानेवाला, खिलौनेवाला|”
ग) ‘बच्चों के लिए खिलौना ले लो’
3) बच्चे खिलौनेवाले को देखकर क्या हो जाते?
क) आनंदित
ख) पुलकित
ग) दुखी
4) नन्हें बच्चे खिलौनेवाले से किस प्रकार सवाल करते?
क) इसकी क्या कीमत हैं?
ख) यह खिलौना कितने में दिया?
ग) “इछका दाम क्या है? औल इछका?”
5) खिलौने लेनेवाले बच्चों के नाम क्या थे?
क) चुन्नू और मुन्नू
ख) बबलु और डब्लू
ग) संतु और बंतू
6) बच्चों ने खिलौने कितने पैसे में लिए थे?
क) चार पैसे में
ख) दो पैसे में
ग) तीन पैसे में
7) रोहिणी क्या सोचने लगी?
क) खिलौनेवाला फिर कब आएगा?
ख) खिलौनेवालेने कितने पैसे लिए होंगे?
ग) इतने सस्ते कैसे दे गया है?
8) छह महीने के बाद नगर भर में किसके आने का समाचार फैल गया?
क) खिलौनेवाले के
ख) मुरलीवाले ले
ग) मिठाईवाले के
9) मुरलीवाला कौन-सा सफ़ा बाँधता था?
क) राजस्थानी सफ़ा
ख) चुनरी सफ़ा
ग) बिकानेरी सफ़ा
10) रोहिणी के पति का क्या नाम था?
क) अजय बाबू
ख) विजय बाबू
ग) सूजय बाबू
उत्तर – 1) क 2) ख 3) ख 4) ग 5) क
6) ख 7) ग 8) ख 9) ग 10) ख
11) प्रतिदिन मुहल्ले में किसकी चर्चा होती थी?
क) मुरलीवाले की
ख) सब्जीवाले की
ग) दूध वाले की
12) मुरलीवाले
का स्वर किस प्रकार का था?
क) कठोर, कर्कश
ख) मादक, मृदुल
ग) मारक, तारक
13) मुरलीवाले
का स्वर सुनकर रोहिणी को किसकी याद आ गई?
क) खेती के मजदूर की
ख) काम वाली बाई की
ग) खिलौने वाले की
14) विजय बाबू
क्या पढ़ रहे थे?
क) समाचार पत्र
ख) किताब
ग) पत्रिका
15) मुरलीवाले के
पास कितनी मुरलियाँ थी?
क) पचपन
ख) सत्तावन
ग) साठ
16) मुरली का
असली दाम क्या था?
क) तीन पैसा
ख) चार पैसा
ग) दो पैसा
17) विजय बाबू
ने कितनी मुरलियाँ खरीदी?
क) दो
ख) तीन
ग) चार
18) अपने मकान
में बैठकर रोहिणी किसकी सारी बातें सुन रही थी?
क) अपने पति की
ख) मुरलीवाले की
ग) बच्चों की
19) मुरलीवाले
का स्वर सुनकर रोहिणी मन-ही-मन क्या सोचने लगी?
क) मुरली वाला यहाँ हर दिन क्यों आता है
ख) गाँव गए मुझे बहुत दिन हुए
ग) मुरलीवाले का स्वर कैसा मीठा है
20) आठ मास के
बाद रोहिणी की गली में किसका स्वर सुनाई दिया?
क) मिठाईवाले का
ख) खिलौनेवाले का
ग) मुरलीवाले का
उत्तर – 11) क 12) ख 13) ग 14) क 15) ख
16) ग 17) क 18) ख 19) ग 20) क
21) किसका स्वर रोहिणी के लिए परिचित
था?
क) मिठाईवाले का
ख) खिलौनेवाले का
ग) मुरलीवाले का
22) दादी उठाकर कमरे में आकर क्या बोली?
क) “ए मिठाईवाले, उधर जाना|”
ख) “ए मिठाईवाले, इधर आना|”
ग) “ए मिठाईवाले, इधर न आना|”
23) “कितनी मिठाई दूँ माँ?” यह वाक्य किसने बोला है?
क) रोहिणी ने
ख) दादी माँ
ने
ग) मिठाईवाले
ने
24) दादी ने मिठाईवाले से एक आने की कितनी मिठाई माँगी?
क) पचीस
ख) सोलह
ग) बीस
25) रोहिणी ने दादी से कितने पैसे की मिठाई लेने के लिए कहा?
क) तीन
ख) चार
ग) पाँच
26) मिठाईवाला इसके पहले कौन कौन-सी चीजें बेचता था?
क) मिठाई
ख) खिलौने
ग) खिलौने और मुरली
27) मिठाईवाले को इन व्यवसायों से क्या मिलता था?
क) असीम सुख
ख) खूब पैसा
ग) बड़ी मात्रा में सौदा
28) मिठाईवाले को कितने बच्चे थे?
क) दो
ख) तीन
ग) चार
29) मिठाईवाला गरीब था या अमीर?
क) गरीब
ख) अमीर
30) मिठाईवाला अमीर होकर भी मिठाई, खिलौने और मुरली बेचने का काम क्यों करता था?
क) मिठाईवाला
इन व्यवसायों से और भी अधिक धन कमाना चाहता था इसलिए वह इस प्रकार के अलग-अलग
व्यवसाय करता था|
ख) क्योंकि -
उसको पत्नी थी दो बच्चे भी थे लेकिन अब वे इस दुनिया में नहीं रहे थे, पर उसका
यकीन था की वे यही कहीं जन्में होंगे इसलिए उनकी तलाश करने के लिए और खिलौने,
मिठाई और मुरली खरीदने के लिए आने वाले बच्चों में उसे अपने ही बच्चें दिखते थे|
इसलिए मिठाईवाला अमीर होकर भी ये काम करता था|
26) ग 27) क 28) ग 29) ख 30) ख
अतिरिक्त प्रश्न
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के एक वाक्य में उत्तर लिखिए|
1) ‘मिठाईवाला’ इस पाठ के लेखक कौन है?
उत्तर – ‘मिठाईवाला’ इस पाठ के लेखक भगवतीप्रसाद वाजपेयी है|
2) ‘खिलौनेवाला’ गलियों में घूमते हुए क्या कहता था?
उत्तर - ‘खिलौनेवाला’ गलियों में घूमते हुए कहता था – “बच्चों को बहलाने वाला, खिलौनेवाला”
3) बच्चें कब पुलकित हो उठते थे?
उत्तर – बच्चें खिलौने देखकर पुलकित हो उठते थे|
4) छोटे बच्चें खिलौने का मोलभाव किस प्रकार से करते थे?
उत्तर – छोटे बच्चें खिलौने देखकर कुछ इस प्रकार मोलभाव करते थे – “इछका दाम क्या है? औल इछका? औल इछका?”
5) खिलौनेवाले का मादक स्वर गलियों में किस प्रकार पहुँचता था?
उत्तर - सागर की हिलोर की भाँति उसका यह मादक स्वर गलीभर के मकानों में इस ओर से उस ओर तक, लहराता हुआ पहुँचता था|
6) राय विजयबहादुर के बच्चों के नाम क्या थे?
उत्तर - राय विजयबहादुर के बच्चों के नाम चुन्नू और मुन्नू थे|
7) चुन्नू और मुन्नू ने क्या खिलौने लिए थे?
उत्तर – चुन्नू और मुन्नू ने खिलौने के घोड़े और हाथी लिए थे|
8) चुन्नू और मुन्नू की माँ का क्या नाम था?
उत्तर - चुन्नू और मुन्नू की माँ का नाम रोहिणी था|
9) चुन्नू और मुन्नू ने खिलौने कितने पैसे में खरीदे थे?
उत्तर – चुन्नू और मुन्नू ने खिलौने दो पैसे में खरीदे थे|
10) दो पैसे के खिलौने देखकर रोहिणी क्या सोचने लगी?
उत्तर – दो पैसे के खिलौने देखकर रोहिणी सोचने लगी कि “खिलौने वाले ने यह खिलौने इतने सस्ते में कैसे दे दिए|”
11) छह महीने के बाद नगर में किसके आने का समाचार फैल गया?
उत्तर - छह महीने के बाद नगर में मुरलीवाले के आने का समाचार फैल गया?
12) मुरलीवाला मुरली कैसे बेचता था?
उत्तर – मुरलीवाला मुरली बजाकर, गाना सुनाकर मुरली बेचता था|
13) पाठ में मुरलीवाले का वर्णन किस प्रकार किया गया है?
उत्तर - पाठ में मुरलीवाले का वर्णन इस प्रकार किया गया है – “उम्र तो उसकी अधिक न होगी, यही तीस-बत्तीस का होगा| दुबला-पतला गोरा युवक है, बिकानेरी रंगीन साफ़ा बाँधता है|”
14) मुरलीवाले का स्वर सुनकर रोहिणी को किसका स्मरण हो आया?
उत्तर - मुरलीवाले का स्वर सुनकर रोहिणी को खिलौनेवाले का स्मरण हो आया|
15) रोहिणी चुन्नू, मुन्नू के लिए क्या खरीदना चाहती थी और उसने किसे कहा?
उत्तर - रोहिणी चुन्नू, मुन्नू के लिए मुरलियाँ खरीदना चाहती थी यह रोहिणी ने विजय बाबू से कहा|
16) मुरलीवाले के हिसाब से ग्राहकों का क्या दस्तूर रहता है?
उत्तर – मुरलीवाले के हिसाब से ग्राहकों का यह दस्तूर रहता है कि दुकानदार चाहे हानि उठाकर चीज क्यों न बेचे, पर ग्राहक यही समझते हैं कि दुकानदार मुझे लूट रहा है|
17) मुरली का असली दाम क्या था?
उत्तर – मुरली का असली दाम दो पैसे ही था|
18) विजय बाबू ने बच्चों के लिए कितनी मुरलियाँ खरीदी थी?
उत्तर – विजय बाबू ने बच्चों के लिए दो मुरलियाँ खरीदी थी|
19) मुरलीवाले ने बेचने के लिए कितनी मुरलियाँ लाई थी?
उत्तर – मुरलीवाले ने बेचने के लिए पूरी सत्तावन मुरलियाँ लाई थी|
20) मुरलीवाला अगली बार रोहिणी की गली में किस भेस में आया था?
उत्तर – मुरलीवाला अगली बार रोहिणी की गली में मिठाईवाले के भेस में आया था|
21) मिठाईवाले ने मिठाई की क्या-क्या विशेषताएँ बताई?
उत्तर – मिठाईवाले ने मिठाई की विशेषताएँ कुछ इस प्रकार बताई – ये नए तरह की मिठाइयाँ हैं, रंग-बिरंगी, कुछ-कुछ खट्टी, कुछ-कुछ मीठी, जायकेदार, बड़ी देर तक मुँह में टिकती हैं| जल्दी नहीं घुलतीं| बच्चें बड़े चाव से चूसते हैं| इन गुणों के सिवा ये खाँसी भी दूर करती है|
22) मिठाईवाले ने मिठाई का क्या मोल बताया?
उत्तर – मिठाईवाले ने पैसे की सोलह के हिसाब से मोल बताया|
23) रोहिणी ने कितने पैसे की मिठाई खरीदी?
उत्तर – रोहिणी ने चार पैसे की मिठाई खरीदी|
24) “इन व्यवसायों में भला तुम्हें क्या मिलता होगा?” रोहिणी के इस सवाल पार मिठाईवाले ने क्या जवाब दिया?
उत्तर – मिठाईवाले ने जवाब दिया- “मिलता भला क्या है! यही खाने भर को मिल जाता है| कभी नहीं भी मिलता| पर हाँ; संतोष, धीरज और कभी-कभी असीम सुख जरूर मिलता है और यही मैं चाहता भी हूँ|”
25) मिठाईवाला इस प्रकार के अलग-अलग व्यवसाय करके बच्चों के बीच क्यों रहना चाहता था?
उत्तर – अपने बच्चों की झलक पाने के लिए मिठाईवाला इस प्रकार के अलग-अलग व्यवसाय करके अन्य बच्चों के बीच रहता था|
अभ्यास प्रश्न
कहानी से
1) मिठाईवाला अलग-अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था?
उत्तर – मिठाईवाला अलग-अलग चीजें बेचता था क्योंकि वह बच्चों के साथ रहना उसे पसंद था| उसके अपने बच्चें और पत्नी की मृत्यु के बाद वह घर में अकेला राह गया था जिसकी वजह से उसे बहुत दुख होता था| अपने दुख को दूर करने के लिए वह बच्चों की पसंद की चीजें बेचने के लिए लाता था| इस बहाने वह गली-मुहल्ले के बच्चों में घुल-मिल जाता था| अपने बच्चों की झलक इन बच्चों में देखता था| वह कई महीनों के बाद आता था क्योंकि उसके पास पैसों की कमी नहीं थी, वह बच्चों की जरूरतों को समझकर चीजें बनवाकर लेता था| वह बच्चों का अपनापन बनाए रखना चाहता था|
2) मिठाईवाले में वे कौन से गुण थे जिनकी वजह से बच्चें तो बच्चें, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे?
उत्तर – मिठाईवाले का स्वर मादक और मनमोहक था, इसी मादक स्वर में गाकर वह चीजों को बेचता था, असली लागत पर बेचता था, बच्चों की पसंद की छीजे लाता था, बच्चों से स्नेहपूर्ण बातें करता था आदि विशेषताओं के कारण बच्चें तो बच्चें, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे|
3) विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं?
उत्तर – विजय बाबू एक ग्राहक थे, मुरलीवाला एक विक्रेता था| मुरलीवाले ने मुरली की कीमत दो पैसे बताकर विजय बाबू से कहा की इसकी कीमत तीन पैसे है पर आप को दो पैसे में ही दे दूंगा| तब विजय बाबू अपने पक्ष में तर्क रखते हुए कहते है - कि फेरीवाले की झूठ बोलने की आदत होती है। देते हैं सभी को दो-दो पैसे में, पर अहसान का बोझ मेरे ऊपर लाद रहे हो। इसके विपरीत मुरलीवाले ने अपने तर्क में कहा ग्राहक को वस्तुओं की लागत का पता नहीं होता, उनका दस्तूर होता है कि दुकानदार चाहे हानि उठाकर वस्तु क्यों न बेचे, पर ग्राहक यही समझते हैं कि दुकानदार उन्हें लूट रहा है।
4) खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी?
उत्तर – खिलौनेवाले की आवाज सुनते ही बच्चें जहाँ हैं, जिस हालत में हैं खुशी के मारे खिलौनेवाले की तरफ दौड़ने लगते हैं| वे इतने उत्साहित हो उठते कि उन्हें अपने समान, कपड़े, चप्पल, जूतों तक का ध्यान नहीं रहता था| घर से पैसे लाकर वे अपनी तोतली भाषा में खिलौनेवाले से मोलभाव करते| खिलौनेवाला भी उनकी पसंद की चीजें बच्चों को दे देता| बच्चें खुशी के मारे पागल हो उठते थे|
5) रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो आया?
उत्तर - रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण हो आया क्योंकि खिलौनेवाला जिस प्रकार मादक स्वर में खिलौने बेचने के लिए आवाज लगता था बिलकुल उसी मीठे स्वर में मुरलीवाला भी मुरलियाँ बेच रहा था|
6) किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया?
उत्तर – रोहिणी की बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था| भावुक होकर मिठाईवाले ने बताया कि मैं भी अपने नगर का एक प्रतिष्ठित आदमी था। मकान, व्यवसाय, गाड़ी-घोड़े, नौकर-चाकर सभी कुछ था। स्त्री थी, छोटे-छोटे दो बच्चें थे। मेरा वह सोने का संसार था। बाहर संपत्ति का वैभव था, भीतर सांसारिक सुख था| पर विधाता की लीला अब कोई नहीं हैं| इस वजह से मैं अपने जीवन में बहुत दुखी हो गया था| अपना दुख दूर करने के लिए इस प्रकार के अलग-अलग व्यवसायों को अपनाता हूँ ताकि गली-मुहल्ले के बच्चें में अपने बच्चें की झलक देख सकूँ| इससे मुझे असीम आनंद मिलता है|
7) ‘अब इस बार ये पैसे न लँगा’- कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर – जब मिठाईवाला मिठाई लेकर रोहिणी के द्वार आया तब बातचीत के दौरान मिठाईवाले ने दादी और रोहिणी को अपने जीवन का वह रहस्य बताया जो उसने किसी को नहीं बताया था| वह भावुक हो गया था| उतने में रोहिणी के बच्चें वहाँ आ जाते है और अपनी माँ से मिठाइयाँ मांगते है तो उनको देखकर मिठाईवाला दो पुड़ियों में मिठाई बाँधकर उनको दे देता है| रोहिणी उसे पैसे देने लगती है लेकिन रोहिणी ने उसके साथ अपनेपन से बातें की थी उसका मन भर आया था| इसलिए वह कहता है -‘अब इस बार ये पैसे न लँगा’
8) इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में क्या यह सही है?
उत्तर – एक जमाना था जब स्त्रियों को परदे के पीछे रहना पड़ता था पर आज ऐसी कोई बात नहीं रही| स्त्रियाँ भी पुरुषों के साथ कंधे को कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में बराबरी का हिस्सा दे रही है| शिक्षा के प्रसार एवं आधुनिकीकरण के कारण समाज में यह बदलाव संभव हो सके हैं| पर आज भी कुछ ग्रामीण, पिछड़े गाँवों में स्त्रियों को निम्न दर्जा दिया जाता है, पराए पुरुषों के सामने नहीं आने दिया जाता जिसके कारण उन्हें परदे के पीछे रहना पड़ता है| मेरे खयाल से यह परंपरा पूर्णतः गलत है| पुरुषों के बराबरी में स्त्रियों को भी समाज में सम्मान का स्थान मिलना चाहिए| इस प्रकार के पिछड़े वर्गों में शिक्षा का प्रसार करके समाज में जागृति लाना जरूरी है| इससे स्त्री-पुरुष समानता भी होगी और देश की उन्नति भी|
कहानी से आगे
1) मिठाईवाले के परिवार के साथ क्या हुआ होगा? सोचिए और इस आधार पर एक और कहानी बनाइए?
उत्तर – आज जो मिठाइयाँ बेचने का काम कर रहा है कुछ साल पहले वह एक शहर का प्रतिष्ठित व्यापारी था| हुआ यह कि – राजस्थान के बिझनेस मॅगनेट के रूप में जयदीप का नाम काफी मशहूर हो चुका था| ऐसे में जयदीप के लिए शादी हेतु रिश्ते आना शुरू हो गया| बड़े घर में जयदीप की शादी हो गई| उसकी बहु लाखों में एक थी| उसकी सुंदरता के आगे स्वर्ग की अप्सराएँ भी फीकी थी| जयदीप के घर में वह बहुत खुश थी| घर में किसी चीज की कमी नहीं थी| कुल सोलह कमरों की हवेली जिसमें पाँच नौकर तथा खाना बनाने के लिए दो नौकरानियाँ थी| जयदीप की पत्नी को किसी काम को हाथ लगाने की जरूरत नहीं थी, हर-दम आवाज लगते ही नौकर हाजिर हो जाते थे| जयदीप की पत्नी का नाम माधवी था| नाम की तरह मधुर आवाज की भेंट ईश्वर ने उसे प्रदान की थी| दोनों की गृहस्थी बहुत ही प्यार-दुलार से चल रही थी| शादी के अगले साल ही उनके घर में एक बहुत ही सुंदर लड़के ने जन्म लिए| सांसारिक सुख और बढ़ गया| दोनों को परम आनंद हुआ| तीसरे साल जयदीप और माधवी को और एक बच्चा हुआ | वह भी पहले जितना ही सुंदर था| खुशियाँ बढ़ाने लगी| परंतु विधि को कहाँ मंजूर था| एक दिन वे किसी बिझनेस के सिलसिले में पूरे परिवार के साथ दूसरे शहर जा रहे थे| लेकिन जिस मोटर कार से वे जा रहे थे उसी कार की रास्ते में सामने से आ रही लारी से दुर्घटना हुई| इस दुर्घटना में जयदीप के सिवा कोई नहीं बच पाया| खुशियों से भरा पूरा परिवार एक ही मिनिट में जयदीप के हाथों से परे हो गया| रो-रो कर जयदीप के आँखों का पानी खतम हो गया पार उसका रोना बंद नहीं हुआ| अढ़ाई मास तक सुधि की अवस्था में जयदीप रोता रहा| पर दुख कम न हुआ| इसके बाद बिझनेस में उसका कोई ध्यान नहीं रहा| अपने दुख को भुलाने के उसने बहुत प्रयास किए पर वह मानो पागल सा हो गया था, दुख भुलाएं नहीं जा रहा था| उसके बाद जयदीप के जीवन में बहुत परिवर्तन हुआ| जब भी किसी छोटे बच्चे को मुसीबत में पता तो उसकी हर प्रकार की मदद करने लगता| इससे छोटे बच्चों में जयदीप बहुत प्रसिद्ध हो गया| यहाँ तक की उसने बाद में पच्चीस बच्चों को गोद ले लिया और उनके लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने की ठान ली| ऐसा करने में उसे बेहद खुशी मिलती थी| असीम आनंद, संतोष मिलता था|
2) हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में कौन-कौन-सी चीजें आपको सबसे ज्यादा आकर्षित करती हैं? उनको सजाने बनाने में किसका हाथ होगा? उन चेहरों के बारे में लिखिए।
उत्तर - हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में हमें मिठाइयाँ, आइसक्रीम, कुल्फी, ककड़ी, भुने चने, भुट्टा, गोल-गप्पे, इडली-सांभर, मसाला-डोसा तथा इनके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ आकर्षित करती हैं। इन चीजों को बनाने के लिए तथा सजाने के लिए पाक कला विशेषज्ञों का हाथ होता हैं| जिस प्रकार घर में मिठाइयाँ बनाने का काम माँ, दादी करती है उसी प्रकार बाहर हाट-मेले, शादी-ब्याह में हलवाई, आइसक्रीम बनाने वाले, ठेला चलाने वाले, होटल के बावर्ची, खानसामा आदि करते हैं|
3) इस कहानी में मिठाईवाला दूसरों को प्यार और खुशी देकर अपना दुख कम करता है? इस मिज़ाज की और कहानियाँ, कविताएँ ढूंढ़िए और पढ़िए।
उत्तर – इस प्रकार की कहानियाँ, कविताएँ पुस्तकालय में जाकर विभिन्न प्रकार के पुस्तकों में से ढूँढिए| यह कार्य छात्र स्वयं करें।
अनुमान और कल्पना
1) आपकी गलियों में कई अजनबी फेरीवाले आते होंगे। आप उनके बारे में क्या-क्या जानते हैं? अगली बार जब आपकी गली में कोई फेरीवाला आए तो उससे बातचीत कर जानने की कोशिश कीजिए।
उत्तर – गर्मियों के दिनों में हमारे मुहल्ले में कई प्रकार के फेरीवाले आते हैं| उसमें खारी-बिस्किट वाले, आइसक्रीम वाले, खिलौनेवाले, कुल्फी वाले, गद्दी बनाने वाले घरेलू फुटकर समान वाले और विशेष करके समोसे वाला| वे सब अपनी मीठी आवाज में पुकार लगाकर अपना समान, चीजें बेचते है| इन लोगों से बातचीत करने के बाद पता चला कि उनके पास दुकान लगाने के लिए पैसा ना होने के कारण वे घर-घर जाकर अपना माल बेचते हैं|
2) आपके माता-पिता के जमाने से लेकर अब तक फेरी की आवाज़ों में कैसा बदलाव आया है? बड़ों से पूछकर लिखिए।
उत्तर – हमारे माता-पिता के जमाने में गृह उपयोगी वस्तुओं को खरीदने के लिए बहुत दूर शहर जाना पड़ता था, परंतु उस जमाने में बहुत सारे फेरीवाले भी गाँव-गाँव जाकर समान बेचते थे| इससे गाँव वालों को शहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती थी| ज्यादातर समान फेरीवालों से ही लिया जाता था| वे अपने मधुर आवाज में अपनी वस्तुओं को बेचते थे| लेकिन आजकल फेरीवालों की संख्या में काफी कमी आई है, जिसका मूल कारण है बढ़ती आधुनिकता तथा गाँवों का शहर में बदलना जिससे अच्छी प्रसिद्ध कंपनी की चीजें गाँवों में ही मिलने लगी| फिर भी कुछ फेरीवाले आज कल भी आते है परंतु वे आवाज लगाने के बदले रिकार्ड किया हुआ वाक्य आडिओ प्लेयर से बजाते हैं| उसका भी प्रभाव होता है पर पहले जमाने के मधुर स्वर जितना नहीं|
3) क्या आपको लगता है कि - वक्त के साथ फेरी के स्वर कम हुए हैं? कारण लिखिए।
उत्तर - इसका मूल कारण है बढ़ती आधुनिकता| आधुनिकता के कारण हर कोई प्रसिद्ध वस्तुओं को ही खरीदना चाहता है, जो दुकानों में मिलती हैं| इसके कारण आजकल फेरीवाले बहुत कम आते हैं| जिसके कारण फेरीवालों के स्वर में भी काफी कमी आई है|
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