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‘भगवान के डाकिए’- NCERT Solution For Class 8 Hindi Chapter 6

‘भगवान के डाकिए’

यहाँ हम हिंदी कक्षा 8 वसंत भाग – 3, पद्य पाठ क्रमांक 6 - ‘भगवान के डाकिए’ इस पद्य पाठ के MCQ प्रश्न, अतिरिक्त प्रश्न और NCERT पुस्तक के अनुसार अभ्यास प्रश्नों के उत्तर इन सभी के बारे में जानेंगे ....

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By Apani Bhasha

1) MCQ

2) अतिरिक्त प्रश्न

3) प्रश्न अभ्यास

 

कवि परिचय

कवि  रामधारी सिंह ‘दिनकर’

MCQ

प्रश्न 1. निम्नलिखित सवालों के उचित विकल्प चुनकर जवाब दीजिए|                          

1) ‘भगवान के डाकिएइस कविता के कवि कौन हैं?

) रामधारी सिंहदिनकर’ 

) सूर्यकांत त्रिपाठीनिराला

) भगवतीचरण वर्मा

2) भगवान के डाकिए कौन-कौन हैं?

) पेड़ और पौधे

) पक्षी और बदल 

) पत्थर और पहाड़ 

3) एक महादेश से दूसरे महादेश कौन जाते हैं?

) समंदर की मछलियाँ

) डाक विभाग के डाकिए

) भगवान के डाकिए 

4) पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ क्या बाँचते हैं?

) पक्षी और बदल ने लाई हुई चिट्ठियाँ 

) डाक विभाग के डाकिए ने लाई हुई चिट्ठियाँ

) संदेश वाहक ने लाई हुई चिट्ठियाँ

5) भगवान के डाकिए क्या लेकर आते हैं?

) फूल

) चिट्ठियाँ 

) तितलियाँ

6) हम क्या सोचते हैं?

) एक देश की धरती दूसरे देश को खाना भेजती है

) एक देश की धरती दूसरे देश को लोग भेजती हैं

) एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है 

7) पक्षियों के पंखों पर क्या तिरता है?

) सुगंध 

) मिट्टी

) घास

8) पानी बनकर क्या गिरता है?

) पत्थर

) पहाड़

) भाप 

9) भगवान के डाकिए क्या काम करते है?

) एक जगह की चीजें दूसरी जगह पर ले जाना 

) लोगों को चिट्ठियाँ लेकर जाना  

) बाग लगाने का  

10) बदल किस रूप में चिट्ठियाँ लेकर जाता है?

) हवा के रूप में  

) बरसात के रूप में   

) पेड़ों के रूप में 

उत्तर  
1-क  2-ख  3-ग  4-क  5-ख 
6-ग   7-क  8-ग    9-क    10-ख  

अतिरिक्त प्रश्न 

प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए|

1) ‘भगवान के डाकिएइस कविता के कवि कौन है?

उत्तर - ‘भगवान के डाकिएइस कविता के कवि रामधारी सिंहदिनकरहै?

2) कवि ने किन्हें भगवान के डाकिए कहा है?

उत्तरकवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए कहा है|

3) पक्षी और बादल एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश क्यों जाते हैं?

उत्तरपक्षी छोटी-मोटी चीजें लेकर तथा बादल भाप लेकर दूसरे प्रदेश जाते हैं|

4) भगवान के डाकियों द्वारा लाई गई चिट्ठियाँ कौन पढ़ते है?

उत्तर - भगवान के डाकियों द्वारा लाई गई चिट्ठियाँ पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ पढ़ते है|

5) पक्षी अपने पंखों में या लेकर जाते है?

उत्तरपक्षी अपने पंखों में सुगंध लेकर जाते है|

6) एक देश की धरती दूसरे देश की धरती को सुगंध किनके माध्यम से भेजती है?

उत्तर -  एक देश की धरती दूसरे देश की धरती को सुगंध हवा और पक्षियों के माध्यम से भेजती है|

7) एक देश की भाप दूसरे देश में कौन लेकर जाता है?

उत्तरएक देश की भाप दूसरे देश बादल लेकर जाता है|

8) बादलों का क्या कार्य होता है?

उत्तरएक जगह से भाप भरकर दूसरी जगह बारिश के रूप में पानी बरसाना यह बदल का काम होता है|

9) पर्यावरण के सुधार में पक्षियों का क्या कार्य होता है?

उत्तरपक्षी जिन फलों को खाते हैं उन फलों के बीज इधर उधर लेकर जाकर डालते है जिससे खाली जगहों पर भी बारिश के दिनों में नए पौधे उग जाते है| जिससे पर्यावरण में सुधार जाता है|

10) अपने मतानुसार भगवान के और कौन-से डाकिए हो सकते हैं?

उत्तरनदी, हवा, चराऊ जानवर, पेड़-पौधे आदि भगवान के अन्य डाकिए हो सकते हैं|

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

अभ्यास प्रश्न

कविता से

1) कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए इसलिए कहा है क्योंकि जिस प्रकार डाक घर के डाकिए संदेशों को उनके पते पर पहुंचाने का काम करते है उसी प्रकार पक्षी और बदल भी प्रकृति के संदेश एक जगह से दूसरी जगह लेकर जाने का काम करते हैं| पक्षी सुगंधित हवा को अपने पंखों में भरकर एक जगह से दूसरी जगह लेकर जाते है और बदल भी भाप को एक जगह से दूसरी जगह पर लेकर जाते हैं| उनके लाए हुए संदेश हम भले ही समझ पाए, पर पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ उसे भली प्रकार पढ़-समझ लेते हैं। इसलिए कवि ने पक्षी और बदल को भगवान के डाकिए कहा है|

2) पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को कौन-कौन पढ़ पाते हैं? सोच कर लिखिए।
उत्तर -  पक्षी और बादल द्वारा लायी गई चिट्ठियाँ अर्थात हवा, भाप, पानी को हम भले ही पढ़ पाए, पर पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ पढ़ पाते हैं।

3) किन पंक्तियों का भाव है :
) पक्षी और बादल प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं।
) प्रकृति देश-देश में भेद भाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।

उत्तर -
) पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधें, पानी और पहाड़
बाँचते हैं।
) और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।

4) पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?
उत्तरइस कविता के माध्यम से कवि प्रेम, सद्भावना तथा एकता का संदेश जग को देना चाहता है इसलिए कवि कविता में कहते है कि, जी प्रकार डाकिए संदेश लाने का काम करते हैं, उसी प्रकार पक्षी और बादल भगवान का संदेश लाने का काम करते हैं। पक्षी और बादल भगवान के डाकिए हैं| जो चिट्ठियाँ पक्षी और बादल लाते है उनमें भगवान से भेजे गए प्रेम, सद्भावना तथा एकता के संदेश को पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ पढ़ पाते हैं| उनके संदेश पाकर पेड़-पौधे किसी प्रकार का भेद-भाव किए बगैर अपने फल-फूल तथा सुगंध दूसरों को देने का काम करते हैं, नदियाँ भी अपना जल दूसरों के काम लाती है, पहाड़ भी दुनियाँ में समानता का संदेश फैलते हैं, ये सभी पक्षी और बादल कि तरह कभी भेद-भाव नहीं करते| इस प्रकार से पक्षी और बादल से लाए हुए एकता, सद्भाव के संदेश पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ पढ़कर उसपर अमल भी करते हैं|

5) एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है” – कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तरसंपूर्ण धरती एक प्रकृति है और एक देश कि प्रकृति दूसरे देश कि प्रकृति से कभी भेद-भाव नहीं करती इसलिए धरती अपने फूलों के सुगंध को पक्षियों के माध्यम से दूसरे देश में भेजकर सद्भावना का संदेश बाँटने का काम करती है| धरती अपने फूलों का सुगंध हवा के माध्यम से तथा पानी बादलों के माध्यम से दूसरे देश भेजने का काम करती रहती है| पक्षियों के पंखों पर तैरकर यह सुगंध दूसरे देश तक पहुँच जाती है| इस प्रकार से एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है।

पाठ से आगे

1) पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?
उत्तरपक्षी जिस प्रकार किसी भी प्रदेश के सुगंध को अन्य प्रदेश लेकर जाते हैं, बादल भी सारी धरती पर भेदभाव किए बगैर भाप बनाकर दूसरे देश में बारिश के रूप में पानी को फैला देता है| अर्थात पक्षी और बादल का जो आदान-प्रदान है वह एक प्रकार से प्यार, सद्भावना तथा आपसी एकता को विश्व में फैलाना ही हैं| इसी दृष्टि से हम इनके आदान-प्रदान को देख सकते हैं|

2) आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इंटरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्ठियों की तुलना इंटरनेट से करते हुए दस पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तरपक्षी और बादल भगवान के डाकिए हैं अर्थात ये प्रकृति के अनुसार काम करते है| प्राकृतिक जरूरतों के हिसाब से वे प्राकृतिक चीजों का आदान-प्रदान करते हैं, परंतु इंटरनेट मनुष्यों कि निर्मिती है अतः वह मनुष्य के अनुसार काम करता है| मनुष्य उसे जैसे चाहे इस्तेमाल कर सकता है| इंटरनेट के प्रभाओं को देखकर विज्ञान प्रेमी प्रभावित हो जाता है, लेकिन प्रकृति से लगाव रखने वालों को पक्षी और बादलों का कार्य लुभावना लगेगा| पक्षी और बादलों का कार्य धीमी गति से चलता रहता है| इंटरनेट कि गति तेज है| आसानी से कम समय में एक मनुष्य दूसरे मनुष्य तक अपनी बात को पहुँचा सकता है| इससे हम दुनिया में किसी भी कोने में रहने वाले इंसान से संपर्क कर सकते है| इंटरनेट भले ही तेज है लेकिन आखिरकार है तो इलेक्ट्रिक माध्यम| पक्षी और बादल प्रकृति के हिस्सेदार है| वे बिना भेदभाव के सारी दुनिया में प्यार, सद्भावना और एकता का संदेश देते हैं। इंटरनेट का इस्तेमाल करके हमें भी प्यार, सद्भावना और एकता तथा भाईचारे का संदेश पूरी दुनिया में फैलाना चाहिए।

3) हमारे जीवन में डाकिए की भूमिकाक्या है? इस विषय पर दस वाक्य लिखिए।
उत्तरहमारे जीवन में डाकिया कि भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है| डाकिया हमारे जन-मानस से जुडने वाली एक ऐसी कड़ी है जो कभी अलग नहीं हो सकती| डाकिया केवल पत्रों को पते पर नहीं भेजता बल्कि जिसका पत्र है उसके परिवार में वह घुल मिल जाता है| इसलिए डाकिया का बेसब्री से इंतजार करना उससे पत्र पढ़कर उसका जवाब लिखकर लेना, ग्रामीण जनता के जीवन का वह अहम हिस्सा है| गाँव के सभी लोगों को वह पहचानता है| इसलिए डाकिया कि भूमिका हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण है| आज का युग विज्ञान का युग माना जाता है विज्ञान के नए-नए आविष्कारों ने संदेशों के क्षेत्र में काफी बदलाव किए है पर डाकिया द्वारा लाया गया संदेश कुछ अलग ही होता है| उन चिट्ठियों को लोग सहेजकर रखते हैं| इसलिए डाकिया का बार-बार इंतजार किया जाता है| डाकिया अपना जन सेवा का काम सर्दी, गर्मी तथा बरसात के दिनों में भी बड़ी नेकी के साथ करता राहत है| इसलिए उसने लोगों के दिल में एक अलग जगह बना ली है| डाकिया के ही परिश्रम का परिणाम है जो भारतीय डाक प्रणाली कि गुडविल पूरे देश में लोगों के दिलों-दिमाग में छाई है|

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