kriya ke kaal |
नमस्ते दोस्तों इस लेख में हम ‘क्रिया के काल’ तथा ‘काल परिवर्तन’ के बारे में अध्ययन करने वाले हैं| हिंदी व्याकरण में यह एक महत्वपूर्ण टॉपिक है| कक्षा पाँचवी से लेकर कक्षा बारहवीं तक के छात्रों के पाठ्यक्रम में इसे विशेष स्थान है| इसलिए सभी कक्षाओं के लिए इसका अध्ययन जरूरी है| इस लेख में इस टॉपिक पर बहुत ही सरल और आसान भाषा में ‘काल’ तथा ‘काल परिवर्तन’ के बारे में समझाने का प्रयास किया है| इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढिए| अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें| नीचे लाल रंग के बेल बटन को दबाकर वेबसाईट को Subscribe करें|
काल को समझने से पहले
क्रिया को समझना जरूरी है क्योंकि हम क्रिया के काल का ही अध्ययन कर रहे हैं|
By Apani Bhasha
क्रिया
‘क्रिया
अर्थात कर्म’
‘हर एक कार्य को ही ‘क्रिया’ कहते है|’
‘दैनिक जीवन में हम जो
काम किया करते है उसे ही ‘क्रिया’ कहते है|’
‘किसी
कार्य के होने अथवा करने को ही ‘क्रिया’ कहते है|’
क्रिया शब्द
परिभाषा – “वाक्य में जिस शब्द से हमें किसी कार्य के होने की सूचना
मिलती हैं, ऐसे शब्द को ‘क्रिया शब्द’ कहते है|”
यह क्रियाएँ अलग-अलग
कालों में वाक्य में आ जाती है | तो चलिए काल के भेदों को हम विस्तार से देखेंगे|
काल
‘काल अर्थात समय’
“क्रिया के जिस रूप से
उसके होने अथवा करने के समय का बोध होता है, उसे ही ‘काल’ कहते है|”
काल के मुख्य तीन रूप होते
हैं-
1) भूतकाल
2) वर्तमान काल
3) भविष्यत् काल
काल के रूपों में से पहला
है -
1) भूतकाल
‘बीते हुए समय को भूतकाल
कहते है|’
‘बीते हुए समय में जो
क्रिया घटित हुई थी उसे ‘भूतकाल की क्रिया’ कहते है|’
परिभाषा –
1) “क्रिया के जिस रूप से हमें यह पता चलता है कि क्रिया बीते
हुए समय में हुई थी, ऐसी क्रिया को ‘भूतकाल की क्रिया’ कहते है|”
2) “जिस क्रिया को घटित होकर समय बीत चुका है उस क्रिया को ‘भूतकाल
की क्रिया’ कहते है|”
जैसे – ‘जयदीप स्कूल गया था|’
इस उदाहरण में ‘गया था’ यह क्रिया है और
क्रिया से हमें पता चलता है कि जयदीप का स्कूल जाने का कार्य बीते हुए समय में हुआ
था| बीते समय में होनेवाली क्रियाओं को भूतकाल कहते है| अतः यह भूतकाल की क्रिया
है|
भूतकाल के छः भेद होते है
1) सामान्य भूतकाल
2) अपूर्ण भूतकाल
3) पूर्ण भूतकाल
4) आसन्न भूतकाल
5) संदिग्ध भूतकाल
6) हेतुहेतुमद् भूतकाल
यहाँ पर हम भूतकाल के
प्रमुख तीन भेदों का अध्ययन करेंगे| उसमें सामान्य भूतकाल, अपूर्ण भूतकाल और पूर्ण
भूतकाल|
1) सामान्य भूतकाल
परिभाषा – “क्रिया के जिस रूप से हमें यह मालूम होता है कि, कार्य
बोलते या लिखते समय समाप्त हुआ, उसे सामान्य भूतकाल कहते है|”
सामान्य भूतकाल से इस बात
का बोध नहीं होता कि, क्रिया बहुत समय पहले पूर्ण हुई अथवा अपूर्ण रही है|
ध्यान में रखनी योग्य बातें
सामान्य भूतकाल में वाक्य
परिवर्तित करते समय इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि-
1) वाक्य भूतकाल में हो|
2) वाक्य के अंत में ‘था’
और ‘है’ का प्रयोग ना हो|
3) वाक्य में ‘रहा’,
‘रही’, ‘रहे’ आदि शब्दों का प्रयोग ना करें|
जैसे – ‘प्रेम ने असंभव को
संभव कर दिया|’ इस वाक्य में क्रिया अभी-अभी समाप्त हुई है तथा वाक्य के अंत में
‘रहा था’, ‘रही थी’, ‘रहे थे’ इनमें से एक भी शब्द का प्रयोग नहीं हुआ| अतः यह सामान्य
भूतकाल की क्रिया है|
उदाहरण –
1) मैंने साफ इनकार कर
दिया|
2) लोगों ने इसे ‘सनीचर’
बना डाला|
3) रोटी के प्रश्न को
स्वयं हल करना उन्होंने बेइज्जती समझा|
4) सब इसके शिशुरुप से
बहुत प्रभावित हुए|
5) गुफा मानव ने जल जाने
का खतरा उठाया|
2) अपूर्ण भूतकाल
परिभाषा – “क्रिया के जिस रूप से हमें यह बोध होता है कि, क्रिया
भूतकाल में आरंभ हुई पर बोलने वाले या लिखने वाले का जिस समय की ओर संकेत है उस
समय तक समाप्त नहीं हुई अर्थात अपूर्ण है उस क्रिया को ‘अपूर्ण भूतकाल’ की क्रिया
कहते है|”
ध्यान में रखनी योग्य बातें
अपूर्ण भूतकाल में वाक्य
परिवर्तित करते समय इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि-
1) वाक्य भूतकाल में हो|
2) वाक्य के अंत में ‘रहा
था’, ‘रही थी’, ‘रहे थे’ आदि शब्दों में से एक का प्रयोग अवश्य हो|
जैसे – ‘प्रेम असंभव को संभव
कर रहा था|’ इस वाक्य में क्रिया भूतकाल में हो रही है तथा वाक्य के अंत में ‘रहा
था’, ‘रही थी’, ‘रहे थे’ इनमें से एक ‘रहा था’ इस शब्द का प्रयोग हुआ है| अतः यह
अपूर्ण भूतकाल की क्रिया है|
उदाहरण –
1) मैं साफ इनकार कर रहा
था|
2) लोग इसे सनीचर बना रहे
थे|
3) रोटी के प्रश्न को
स्वयं हल करना वे बेइज्जती समझ रहे थे|
4) सब इसके शिशुरुप से
बहुत प्रभावित हो रहे थे|
5) गुफा मानव जल जाने का
खतरा उठा रहा था|
3) पूर्ण भूतकाल
परिभाषा – “क्रिया के जिस रूप से यह बोध होता है कि, क्रिया बहुत पहले
समाप्त हो चुकी है, उसे ‘पूर्ण भूतकाल’ की क्रिया कहते है|”
ध्यान में रखनी योग्य बातें
पूर्ण भूतकाल में वाक्य
परिवर्तित करते समय इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि-
1) वाक्य भूतकाल में हो|
2) वाक्य के अंत में
‘था’, ‘थी’, ‘थे’ आदि शब्दों में से एक का प्रयोग अवश्य हो|
3) परंतु इसमें ‘रहा’,
‘रही’, ‘रहे’ आदि शब्द ना हो|
जैसे – ‘प्रेम ने असंभव को
संभव कर दिया था|’ इस वाक्य में क्रिया भूतकाल में हो चुकी है तथा वाक्य के अंत
में ‘था’ शब्द का प्रयोग हुआ है| अतः यह पूर्ण भूतकाल की क्रिया है|
उदाहरण –
1) मैंने साफ इनकार कर
दिया था|
2) लोगों ने इसे ‘सनीचर’
बना डाला था|
3) रोटी के प्रश्न को
स्वयं हल करना उन्होंने बेइज्जती समझा था|
4) सब इसके शिशुरुप से
बहुत प्रभावित हुए थे|
5) गुफा मानव ने जल जाने
का खतरा उठाया था|
2) वर्तमान काल
‘जो समय अभी चल रहा है
उसे ‘वर्तमान काल’ कहते है|’
परिभाषा –
1) “क्रिया के जिस रूप से हमें यह पता चलता है कि क्रिया अभी चल
रहे समय में हो रही है या होती है उस क्रिया को ‘वर्तमान काल’ की क्रिया’ कहते है|”
2) “जो क्रिया वर्तमान समय में घटित होती है उस क्रिया को
वर्तमान काल की क्रिया कहते है|”
जैसे – ‘जयदीप स्कूल गया है|’
इस उदाहरण में ‘गया है’ यह क्रिया है और
क्रिया से हमें पता चलता है कि जयदीप का स्कूल जाने का कार्य अभी-अभी पूरा हुआ है|
अभी-अभी अर्थात वर्तमान में, वर्तमान समय में होने वाली क्रियाओं को वर्तमान काल
की क्रिया कहते है| अतः यह वर्तमान काल की क्रिया है|
वर्तमान काल के छः भेद
होते है –
1) सामान्य वर्तमान काल
2) अपूर्ण वर्तमान काल
3) पूर्ण वर्तमान काल
4) संदिग्ध वर्तमान काल
5) तात्कालिक वर्तमान काल
6) संभाव्य वर्तमान काल
यहाँ पर हम वर्तमान काल
के प्रमुख तीन भेदों का अध्ययन करेंगे| उसमें सामान्य वर्तमान काल, अपूर्ण वर्तमान
काल और पूर्ण वर्तमान काल|
1) सामान्य वर्तमान काल
परिभाषा – “क्रिया के जिस रूप से यह मालूम होता है कि, कार्य बोलते या
लिखते समय होता है उसे ‘सामान्य वर्तमान काल’ की क्रिया कहते है|”
सामान्य वर्तमान काल से
इस बात का पता नहीं चलता की क्रिया पूर्ण हुई अथवा अपूर्ण रही है|
ध्यान में रखनी योग्य बातें
सामान्य वर्तमान काल में
वाक्य परिवर्तित करते समय इस बात का ध्यान रखना अत्यंत जरूरी है कि,
1) वाक्य की क्रिया
लगातार अथवा दिन-प्रतिदिन चलती रहनी चाहिए|
2) वाक्य में ‘रहा’,
‘रही’, ‘रहे’ आदि शब्दों का प्रयोग ना करें|
3) वाक्य के अंत में
‘है’, ‘हैं’, ‘हूँ’ इनमें से किसी एक का प्रयोग जरूर करें|
जैसे - ‘प्रेम असंभव को संभव करता है|’ इस वाक्य में
क्रिया वर्तमान काल में घटित है तथा वाक्य के अंत में ‘है’, ‘हैं’, ‘हूँ’ इनमें से
‘है’ शब्द का प्रयोग हुआ है| अतः यह सामान्य वर्तमान काल की क्रिया है|
उदाहरण –
1) मैं साफ इनकार करता
हूँ|
2) लोग इसे सनीचर बना
डालते हैं|
3) रोटी के प्रश्न को
स्वयं हल करना वे बेइज्जती समझते हैं|
4) सब इसके शिशुरुप से
बहुत प्रभावित होते हैं|
5) गुफा मानव जल जाने का
खतरा उठता है|
2) अपूर्ण वर्तमान काल
परिभाषा – “क्रिया के जिस रूप से यह बोध होता है कि, क्रिया वर्तमान
काल में जारी है, पूर्ण नहीं हुई है अर्थात अपूर्ण है उस क्रिया को ‘अपूर्ण वर्तमान
काल’ की क्रिया कहते है|”
ध्यान में रखनी योग्य बातें
अपूर्ण वर्तमान काल में
वाक्य परिवर्तित करते समय इस बात का ध्यान रखना अत्यंत जरूरी है कि,
1) वाक्य की क्रिया
वर्तमान काल में होकर वह अपूर्ण हो|
2) वाक्य में ‘रहा’,
‘रही’, ‘रहे’ इनमें से किसी एक शब्द का प्रयोग अवश्य हो|
3) वाक्य के अंत में
‘है’, ‘हैं’, ‘हूँ’ इनमें से किसी एक का प्रयोग जरूर करें|
जैसे - ‘प्रेम असंभव को संभव कर रहा है|’ इस वाक्य
में क्रिया वर्तमान काल में घटित हो रही
है तथा वाक्य के अंत में ‘है’, ‘हैं’, ‘हूँ’ इनमें से ‘है’ शब्द का प्रयोग हुआ है|
अतः यह अपूर्ण वर्तमान काल की क्रिया है|
उदाहरण –
1) मैं साफ इनकार कर रहा
हूँ|
2) लोग इसे सनीचर बना रहे
हैं|
3) रोटी के प्रश्न को
स्वयं हल करना वे बेइज्जती समझ रहे हैं|
4) सब इसके शिशुरुप से
बहुत प्रभावित हो रहे हैं|
5) गुफा मानव जल जाने का
खतरा उठा रहा है|
2) पूर्ण वर्तमान काल
परिभाषा – “क्रिया के जिस रूप से यह बोध होता है कि, जो कार्य भूतकाल
में आरंभ हुआ था वह कार्य वर्तमान काल में समाप्त हो गया है उस क्रिया को ‘पूर्ण
वर्तमान काल’ की क्रिया कहते है|”
ध्यान में रखनी योग्य बातें
पूर्ण वर्तमान काल में
वाक्य परिवर्तित करते समय इस बात का ध्यान रखना अत्यंत जरूरी है कि,
1) वाक्य की क्रिया पूर्ण
हो|
2) वाक्य में ‘रहा’,
‘रही’, ‘रहे’ आदि शब्दों का प्रयोग ना करें|
3) वाक्य के अंत में
‘है’, ‘हैं’, ‘हूँ’ इनमें से किसी एक का प्रयोग जरूर करें|
जैसे - ‘प्रेम ने असंभव को संभव कर दिया है|’ इस
वाक्य में क्रिया वर्तमान काल में पूरी हो
गई है तथा वाक्य के अंत में ‘है’, ‘हैं’, ‘हूँ’ इनमें से ‘है’ शब्द का प्रयोग हुआ
है| अतः यह अपूर्ण वर्तमान काल की क्रिया है|
उदाहरण –
1) मैंने साफ इनकार कर
दिया है|
2) लोगों ने इसे ‘सनीचर’
बना डाला हैं|
3) रोटी के प्रश्न को
स्वयं हल करना उन्होंने बेइज्जती समझी हैं|
4) सब इसके शिशुरुप से
बहुत प्रभावित हुए हैं|
5) गुफा मानव ने जल जाने
का खतरा उठाया है|
2) भविष्यत् काल
‘जो समय आगे है अर्थात
अनेवाला है उसे ‘भविष्यत् काल’ कहते है|’
परिभाषा –
1) “क्रिया के जिस रूप से हमें यह पता चलता है कि क्रिया आने
वाले समय में होगी ऐसी क्रिया को ‘भविष्यत् काल’ की क्रिया कहते है|”
2) “जो क्रिया भविष्य में होगी ऐसी क्रिया को भविष्यत् काल की
क्रिया कहते है|”
जैसे – ‘जयदीप स्कूल जाएगा|’
इस उदाहरण में ‘जाएगा’ यह क्रिया है और क्रिया
से हमें पता चलता है कि जयदीप का स्कूल जाने का कार्य भविष्य में होगा| आने वाले
समय में होने वाली क्रियाओं को भविष्यत् काल की क्रिया कहते है| अतः यह भविष्यत्
काल की क्रिया है|
भविष्यत् काल के तीन भेद
होते है –
1) सामान्य भविष्यत् काल
2) संभाव्य भविष्यत् काल
3) हेतुहेतूमद्भविष्यत् काल
यहाँ पर हम भविष्यत् काल
के प्रमुख भेद का अध्ययन करेंगे| उसमें है सामान्य भविष्यत् काल|
1) सामान्य भविष्यत् काल
परिभाषा – “क्रिया के जिस रूप से यह मालूम होता है कि, कार्य आने वाले
समय में होगा उस क्रिया को ‘सामान्य भविष्यत् काल’ की क्रिया कहते है|”
उदाहरण –
1) मैं साफ इनकार कर
दूँगा|
2) लोग इसे सनीचर बना
डालेंगे|
3) रोटी के प्रश्न को
स्वयं हल करना वे बेइज्जती समझेंगे|
4) सब इसके शिशुरुप से
बहुत प्रभावित होंगे|
5) गुफा मानव जल जाने का
खतरा उठाएगा|
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इस प्रकार हम ने यहाँ ‘काल’ तथा ‘काल परिवर्तन’ का अध्ययन किया| आशा करता हूँ कि उपर्युक्त काल से संबंधित पूरी जानकारी आप के समझ में आई होगी| यह जानकारी आप के दोस्तों के साथ भी शेयर करें|
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