घरेलू पत्र
1) राकेश / राजश्री वर्मा, हिरकनी निवास, नेताजी मार्ग, अमरावती से नागपुर में पढ़ रहे अपने छोटे भाई सौरभ को परीक्षा की तैयारी करने हेतु पत्र लिखता / लिखती है।
03 फरवरी, 20XX
प्रिय भाई सौरभ,
खुशियों भरा प्यार !
हम सब यहाँ बहुत आनंद में हैं, ईश्वर से मैं यही प्रार्थना करता/करती हूं कि तुम भी स्वस्थ और खुश रहो। कल ही तुम्हारा पत्र मिला, पता चला कि अगले हफ्ते आपकी स्कूली परीक्षाएं शुरु हो रही हैं। शायद तुम्हारी परीक्षा की तैयारी भी शुरु हो गई होगी। सौरभ, तुम स्वयं समझदार हो फिर भी एक बड़े भाई के नाते तुम्हें समझना मैं मेरी जिम्मेदारी समझता/समझती हूं। पढ़-लिखकर नाम रोशन करोगे तो घर के सभी को बहुत आनंद होगा। घर के सभी सदस्यों को तुमसे बहुत आशाएँ हैं। अर्धवार्षिक परीक्षा में तुम्हारे नंबर अपेक्षा से कुछ कम ही रहे हैं। इससे मॉं और पिता जी भी नाराज़ हो गए। मुझे लगता है कि इस बार जी-जान से पढ़ाई करके उनको खुशी देने का प्रयास करोगे। तुम्हें अंदाजा है वे अपनी कितनी सारी आवश्यकताओं को सीमित करके तुम्हें घर से इतनी दूर रखकर पढ़ा रहे हैं। इसलिए पढ़ाई में ज्यादा से ज्यादा ध्यान देकर उनकी अपेक्षाओं की पूर्ति करना तुम्हारा भी तो कर्तव्य है। तुम्हें अपना कीमती समय व्यर्थ नहीं गंवाना चहिए। समय लौटकर नहीं आता इसकी समझ है तुम्हें।
सौरभ, समय व्यर्थ गंवाना और मित्रों के साथ गपशप करना, खेल में ज्यादा समय बिताना जीवन में कुछ भी अहमियत नहीं रखता। तुम्हें आवश्यकता है कि तुम एक समय-सारणी बनाकर उसके अनुसार पढ़ने का प्रयास करो। अपना एक लक्ष्य बनाओ और उसे प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करो।
मॉं जी और पिता जी की ओर से शुभाशीष। पढाई में ध्यान रखना और परीक्षा के उपरांत पत्र लिखना।
तुम्हारा बड़ा भाई/तुम्हारी बड़ी बहन,
राकेश/राजश्री वर्मा
हिरकनी निवास
नेताजी मार्ग,
अमरावती।
abc@xyz.com
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2) हर्ष शेलार / हर्षा शेलार अपने मित्र/ सहेली शिवांश / शिवानी गायकवाड को जन्म दिन पर हार्दिक बधाई देते हुए पत्र लिखता / लिखती है|
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