> मेरी तोअपनी भाषा है । हिंदी कविता । प्रा. साबळे जनार्दन लक्ष्मण ~ Smart Bhasha

मेरी तोअपनी भाषा है । हिंदी कविता । प्रा. साबळे जनार्दन लक्ष्मण


मेरी तो अपनी भाषा है....


मेरी तो अपनी भाषा है,

जीवन की अभिलाषा है,

सम्मान रहे दिल में इसका,

हिंदी तो राष्ट्रभाषा है ।।1।।


मेरे विचारों की अभिव्यक्ति है,

दिल में सच्ची आसक्ति है,

माॅं सरस्वती की शक्ति है,

हिंदी की सेवा राष्ट्रभक्ति है ।।2।।


आशा मन में एक छोटी है,

माॅं भारती को यह समेटी है,

उत्तर-दक्षिण, पूरब से पश्चिम है,

हर ऑंगन की यह बेटी है।।3।।


बंधुता की यह दृढ़ आशा है,

हर मन की यह परिभाषा है,

अखंडता की इक निशानी है,

भारत की अपनी हिंदी है।।4।।


तिलक करें वह मिट्टी है,

इस मिट्टी से मिल जाए हम,

अपनी तो भाषा हिंदी है,

हिंदी में घुल जाए हम ।।5।।


प्रा. साबळे जनार्दन लक्ष्मण.




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